2025 का सबसे खतरनाक युद्ध: अमेरिका, इज़राइल और ईरान का संघर्ष The most dangerous war of 2025: Conflict between America, Israel and Iran

जून 2025 में मध्य-पूर्व में एक बड़े पैमाने पर खुला युद्ध छिड़ गया, जिसमें इज़राइल और अमेरिका ने मिलकर ईरान के परमाणु एवं सैन्य बेहद महत्वपूर्ण ठिकानों पर स्ट्राइक की। और तीसरे विश्वयुद्ध को दस्तक दी। ऐसे में बहुत से देश शांति की पहल कर रहे हैं। तो कुछ इसराइल के खुले समर्थन में हैं और कुछ ईरान के। आइए हम जानते हैं कि यह युद्ध कैसे शुरू हुआ, और इसकी घटनाएं, राजनीतिक परिणाम, और आर्थिक प्रभावों के बारे में जानते हैं।

1. युद्ध की शुरुआत – Operation Rising Lion और अमेरिका का क़दम

13 जून 2025 को इज़राइल ने “Operation Rising Lion” नामक मिशन के तहत ईरान के मोबाइल मिसाइल लॉन्चर, IRGC कमांड सेंटर और परमाणु साइटों (Natanz, Fordow, Isfahan) पर नार्मल एयरस्ट्राइक की। इज़राइल की इस कार्रवाई में IRGC और परमाणु प्रोग्राम से संबंधित कई प्रमुख अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों की मौत हुई ।

इसके तुरंत बाद अमेरिका, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश पर, 22 जून 2025 को इसी तरह की ब्रॉन्कर-बस्टर बमों से लैस बी-2 स्टील्थ बमबाज़ और टॉमहॉक मिसाइलों के माध्यम से तिहरा हमला (Operation Midnight Hammer) किया । इसने युद्ध में एक नए स्तर की वृद्धि की।

2. मुख्य सैन्य घटनाक्रम

  • इज़रायल की पहली लहर Natanz, Fordow और रक्षा ठिकानों पर हमला, IRGC वैज्ञानिकों और कमांडरों की मौत और गोपनीय Mossad ड्रोन ऑपरेशन के जरिए मिसाइल लॉन्चरों एवं एयर डिफेंस सिस्टम की पहले ही सफाई
  • ईरान का जवाब ICBM और IRBM मिसाइलों की भारी बरसात, लगभग 300 मिसाइलों का इस्तेमाल; शुरुआती हमलों में 90% इंटरसेप्ट किए गए और हॉस्पिटल (Beersheba के Soroka Medical Center) पर स्ट्राइक हुई, कई घायल
  • अमेरिकी हमले की सफलता अमेरिका ने न्यूक्लियर साइटों पर बड़ी पैमाने पर हमला किया – Fordow में गहरी बॉंक्सती से लैस 30,000 पाउंड बम्स अमेरिकी प्रेस ने इस हमले को “spectacular military success” और “overwhelming success” बताया

3. सामरिक व रणनीतिक विश्लेषण

  • मिसाइल हथियार संरचना युद्ध के आरंभ में ईरान के पास अनुमानित 2,000–3,000 मिसाइल थीं; इज़राइल ने पहले चरण में लगभग एक-तिहाई लॉन्चर नष्ट किए । हालांकि इन मिसाइलों की संख्या कम हुई, लेकिन अभी भी ईरान स्टॉकपाइल रखता है, जिसे छिपी जगहों से भी लॉन्च किया जा सकता है
  • युद्ध की लंबी खींचतान की चुनौतियाँ मिसाइल बर्बाद हो रहे हैं, पर दोनों ही देश भारी खर्च कर रहे हैं: इज़राइल रोज़ाना $285 मिलियन का खर्च कर रहा है इंटरसेप्शन पर , इज़राइल ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, पर IRGC और परमाणु प्रोग्राम को पूरी तरह खत्म करना चुनौतीपूर्ण है, खासकर गहरी भूमिगत साइटों के कारण ।
  • राजनीतिक व रणनीतिक अस्पष्टता पूर्व PM एहुद बारक़ और अन्य विश्लेषक मानते हैं कि पूर्ण आंतरिक परिवर्तन (regime change) या परमाणु खत्म करना बहुत बेहद मुश्किल है। U.S. कांग्रेस के भीतर अमेरिकी राष्ट्रपति के अधिकार समेत कई संवैधानिक सवाल उठे हैं।

4. मानवीय व राजनीतिक परिस्थितियाँ

  • विस्थापन और मानवीय संकट तेहरान से भारी मात्रा में नागरिक बाहर निकले, सरकार द्वारा इंटरनेट बंदिगी और इंटरनेट घात एक भयावह मानसिक स्थिति का निर्माण कर रही है, अस्पतालों पर मिसाइल हमलों और व्यापक मृत्यु दरें पीड़ा का दायरा बढ़ा रही हैं।
  • वैश्विक राजनयिक धाराएँ रूस, चीन, फ्रांस आदि देशों ने सुरक्षा परिषद को बुलाया और युद्ध को वैश्विक संकट बताया, यूरोप के राजनयिक शांति के लिए खड़े हुए; लेकिन अब यूरोप को ऊर्जा व यूक्रेन जैसे अन्य संघर्षों पर भी ध्यान देना होगा।

5. क्षेत्रीय व वैश्विक प्रभाव

  • ऊर्जा व आर्थिक प्रभाव खाड़ी से तेल निर्यात बाधित हुआ, जिससे तेल की कीमतें $100/बैरल के आसपास पहुँच सकती हैं।
  • बड़े भू–राजनीतिक झुकाव अमेरिकी ध्यान मध्य-पूर्व में सीधा यूक्रेन संकट पर असर डाल सकता है, रूस इस अव्यवस्था से लाभ उठा सकता है, विशेष रूप से हथियार निर्यात और रणनीतिक लाभ पर।
  • बढ़ते ख़तरे रसायनिक, जैविक, या संभावित “डर्टी बम” इत्यादि हथियार इस्तेमाल होने की आशंका है , Proxy गुट जैसे Hezbollah, Houthis आदि फिलहाल पीछे हट रहे हैं, लेकिन स्थिति में बदलाव विदेशी जुड़ाव बढ़ा सकता है।

6. संभावित अंत / समाधान

  • सीमित युद्धोत्थान – मिसाइलों और बम के खत्म होने पर हार-जीत के बीच समझौता हो सकता है।
  • संयुक्त अमेरिका–इज़राइल का गहरा सैन्य जुड़ाव – जिससे युद्ध विस्तार और लंबा हो सकता है।
  • कूटनीतिक पुनःप्रयास – U.S. द्वारा दबाव उत्पन्न कर शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़ना – हालांकि अब इसे मुश्किल माना जा रहा है।

निष्कर्ष

जून 2025 का इज़राइल–ईरान संघर्ष मध्य-पूर्व में एक निर्णायक मोड़ है।

सैन्य रूप से, इज़राइल और अमेरिका ने मिसाइल सरंचना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, लेकिन खतरा अब भी बना हुआ है।

राजनीतिक रूप से, MRI अस्थिरता बढ़ रही है, क्योंकि लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं तनावों से जूझ रही हैं।

वैश्विक रूप से, युद्ध दुनिया को ऊर्जा संकट, आर्थिक दबाव और सुरक्षा चुनौतियों की ओर ले जा रहा है।

भविष्य अभी अनिश्चित है – एक ओर द्विपक्षीय मिसाइल थकान दिखाई देती है, तो दूसरी ओर वैश्विक दबाव और कूटनीतिक समझौते की राह बनी हुई है।

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